फलों के ये विशेष गुण जो फलों को सबसे अमूल्य बनाते है ।
फलों की उपयोगिता और उनसे उपचार पल दो पल है यह बने ही इसीलिए हैं मानव का भला करें शरीर में पहुंचकर फल अपना कार्य निश्चित रूप से करेंगे। यह नहीं देखेंगे फल कि वे जिस शरीर में पहुंचे हैं वह शाकाहारी का है या मांसाहारी का है जिसका काम भला करना है वह सदा भला ही करता है प्रकृति ने भला फल बनाए ही हमारे उपकार के लिए हैं फिर हम इनका फायदा उठाने से पीछे क्यों रह जाए फल कैसे खाएं प्रश्न चिन्ह जरूरी नहीं है कि हम महंगे फल खाएं।
हम मौसमी फल खा ले। हम ताजा फल खा ले। भले ही यह सस्ती किशन के क्यों ना हो। ताजा फलों में जितने गुण होते हैं, जितनी पौष्टिकता होती है, उतनी बांसी फलों या बी मौसमी फलों में नहीं। पेड़ पर पके फलों में जितने तत्व होते हैं उतने पाल से पकाया मसालों से पके फलों में नहीं। जितने गुण के पलों में होते हैं कामा कच्चे फलों में नहीं। जितनी गुणवत्ता ताजे फलों में होती है उतना सूखे फलों में नहीं। अतः हमें फल खरीदते समय इन चीजों की ओर ध्यान देना चाहिए निबाराम अन्यथा जितना लाभ हम लेना चाहते हैं वह नहीं ले पाएंगे ऐसे पल जो हवा,,, अधिक सर्दी के कारण बिगड़ गए हो या कच्ची रह गए हो अथवा आवश्यकता से अधिक पदों का मौसम के हो या फिर गलत मिट्टी के पैदा किए हो, गलत रसायनों के प्रयोग से पैदा किए गए हो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माने जाते हैं ऐसे फल औषधीय गुणों से भी अच्छे फलों से पीछे रह जाते हैं। आता फल खरीदते खाते समय इन बातों का ध्यान रखें हां बाजार में बिक रहे कटे फल कभी भी ना खरीदें। यह पल भले ही अच्छी किस्म के क्यों ना हो। धूल का मिट्टी का हवामान रोगाणु से इन्हें स्तर पर ले जाने का कार्य करते हैं। केवल एक कच्चा फल अधिक गुणकारी उपयोगी होता है उसका गुना अधिक मीठा हो जाता है।। अधिक स्वादिष्ट हो जाता है उसके हर प्रकार के गुण को पा लेते हैं। बेल ही एक ऐसा फल है जो कच्चे अवस्था में अधिक प्रयोग में आता है आधी उपयुक्त माना जाता है। अधिक गुणवान होता है। में कच्चा बेल अधिक उपयोगी और गुणकारी है जो भी औषधि गुण होते हैं बीच में गिरी में भी होते हैं उनके अपने गुणों के अनुरूप होते हैं फलों के बीजों को या इनसे प्राप्त गुणों को कभी कम न समझें और इनका पूरा लाभ उठाएं। फलों में नमक तथा खटाई हमारा हमारे शरीर में सबसे अधिक संवेदनशील अंग है ठीक है ठीक है की गति ठीक है तो शरीर की पूरी कार्यप्रणाली ठीक है। हृदय की गति रुकने का मतलब है अर्थात आदमी का शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तत्पर रहते हैं जहां तक फलों की भूमिका है या हृदय के लिए सहायक रहते हैं। फलों में उपलब्ध नमक व खटाई हृदय के लिए बेहद जरूरी उपयोगी होते हैं। इनकी मौजूदगी हृदय के कार्य में संचालन शक्ति उत्पन्न करती है। है। उपयोगिता खराब मेल पैदा होती है उसे बाहर निकालने की शक्ति है फलों में। फलों में विद्यमान जुलाई को पूरा करता है। यदि इस कार्य के लिए तरबूज तथा नारंगी का सेवन किया जाए तो यह काम आसानी से हो जाता है। इसके फलों का रस के 1 गुर्दो से मैल ही नहीं दूर करता है बल्कि उनकी क्रियाशीलता को बढ़ाता है ।
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